what is volumetric titration|वॉल्यूमेट्रिक टाइट्रेशन एक प्रयोगशाला विधि है जो मात्रात्मक रासायनिक विश्लेषण के लिए उपयोग की जाती है। इसका उपयोग अज्ञात सांद्रता वाले घोल की सांद्रता निर्धारित करने के लिए किया जाता है।
इस प्रक्रिया में ज्ञात सांद्रता वाले घोल (टाइट्रेंट) को अज्ञात सांद्रता वाले घोल में धीरे-धीरे और सटीक रूप से मिलाया जाता है, जब तक कि रासायनिक अभिक्रिया समतुल्यता बिंदु (Equivalence Point) तक न पहुँच जाए। इस बिंदु को आमतौर पर रंग परिवर्तन या विद्युत संकेत द्वारा पहचाना जाता है।
what is volumetric titration
प्रयोग 1: हाइड्रोक्लोरिक एसिड (HCl) और सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH) के बीच वॉल्यूमेट्रिक टाइट्रेशन
1. उद्देश्य (Object):
इस प्रयोग का उद्देश्य हाइड्रोक्लोरिक एसिड (HCl) की सांद्रता (Strength) को ज्ञात करना है। टाइट्रेशन विधि का उपयोग करते हुए ज्ञात सांद्रता वाले NaOH घोल के साथ HCl के अज्ञात घोल की प्रतिक्रिया कराई जाएगी।
2. आवश्यक सामग्री (Materials Required):
प्रयोग के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होगी:
- सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH): ज्ञात सांद्रता वाला बेस का घोल।
- हाइड्रोक्लोरिक एसिड (HCl): अज्ञात सांद्रता वाला एसिड का घोल।
- फेनोल्फथलीन (Phenolphthalein): टाइट्रेशन के लिए उपयोग होने वाला संकेतक (Indicator)।
- ब्यूरेट (Burette): NaOH के घोल को मापने और ड्रॉप बाय ड्रॉप टाइट्रेशन करने के लिए।
- पिपेट (Pipette): HCl के घोल की सटीक मात्रा मापने के लिए।
- क्लैम्प स्टैंड (Clamp Stand): ब्यूरेट को स्थिर रखने के लिए।
- मापने वाला सिलेंडर (Measuring Cylinder): घोलों की मात्रा मापने के लिए।
- टाइट्रेशन फ्लास्क (Conical Flask): HCl और NaOH के घोल को मिलाने के लिए।
- डिस्टिल्ड वॉटर: उपकरणों को धोने और घोल तैयार करने के लिए।
3. सिद्धांत (Principle):
इस टाइट्रेशन का सिद्धांत निम्नलिखित है:
- जब एक अम्ल (HCl) और एक क्षार (NaOH) की प्रतिक्रिया होती है, तो वे एक दूसरे को निष्क्रिय करते हैं और एक न्यूट्रल उत्पाद (सोडियम क्लोराइड और पानी) बनाते हैं।
- रासायनिक समीकरण:
- यह प्रतिक्रिया तभी पूरी होती है जब आयन और आयन बराबर मात्रा में मिल जाते हैं।
- इस प्रक्रिया में उपयोग किए गए संकेतक (Phenolphthalein) का रंग परिवर्तन अंतिम बिंदु (End Point) को दर्शाता है।
- इस अंतिम बिंदु पर HCl और NaOH का अनुपात निम्नलिखित होगा: जहाँ,
= HCl का सामान्यता (Normality),
= HCl की मात्रा,
= NaOH का सामान्यता,
= NaOH की मात्रा।
4. विधि (Procedure):
चरण 1: ब्यूरेट की तैयारी
- ब्यूरेट को डिस्टिल्ड वॉटर से धोएँ।
- इसे NaOH के ज्ञात सांद्रता वाले घोल से भरें।
- ब्यूरेट की नॉब खोलकर NaOH को नीचे गिराएँ और यह सुनिश्चित करें कि कोई एयर बबल न रहे।
चरण 2: HCl का घोल तैयार करना
- 50 ml HCl का अज्ञात घोल मापने के सिलेंडर की सहायता से निकालें।
- इसे टाइट्रेशन फ्लास्क (Conical Flask) में डालें।
- इसमें 2-3 बूँद फेनोल्फथलीन इंडिकेटर मिलाएँ।
- नोट: फेनोल्फथलीन की उपस्थिति में HCl का घोल रंगहीन रहेगा।
चरण 3: टाइट्रेशन प्रक्रिया
- NaOH की ब्यूरेट को क्लैम्प स्टैंड पर फिक्स करें।
- धीरे-धीरे NaOH का घोल HCl के घोल में डालना शुरू करें।
- टाइट्रेशन फ्लास्क को हाथ से घुमाते रहें ताकि घोल अच्छे से मिल सके।
- जब घोल हल्का गुलाबी रंग में बदल जाए, तो यह अंतिम बिंदु (End Point) है।
- ब्यूरेट की रीडिंग को नोट करें।
चरण 4: प्रक्रिया को दोहराएँ
- टाइट्रेशन को 3-4 बार दोहराएँ।
- प्रत्येक बार NaOH की रीडिंग को नोट करें।
- औसत मान की गणना करें।
5. अवलोकन (Observation):
अवलोकन तालिका:
क्रम संख्या | NaOH की प्रारंभिक रीडिंग (ml) | अंतिम रीडिंग (ml) | उपयोग किया गया NaOH (ml) |
---|---|---|---|
1 | 0 | 24 | 24 |
2 | 0 | 23.8 | 23.8 |
3 | 0 | 24.2 | 24.2 |
औसत उपयोग किए गए NaOH का मान:
6. गणना (Calculation):
सिद्धांत:
जहाँ,
HCl का सामान्यता
HCl की मात्रा (50 ml)
NaOH का सामान्यता (0.1 N)
NaOH का औसत उपयोग (24 ml)
HCl का सामान्यता:
HCl का स्ट्रेंथ (Strength):
7. परिणाम (Result):
HCl घोल की स्ट्रेंथ है।
8. सावधानियाँ (Precautions):
- ब्यूरेट और पिपेट को प्रयोग से पहले अच्छी तरह धोएँ।
- इंडिकेटर की सही मात्रा का उपयोग करें।
- अंतिम बिंदु पर NaOH को बहुत धीरे-धीरे डालें।
- प्रक्रिया को बार-बार दोहराकर औसत मान का उपयोग करें।
9. निष्कर्ष (Conclusion):
इस प्रयोग के द्वारा हाइड्रोक्लोरिक एसिड की स्ट्रेंथ निर्धारित की गई। टाइट्रेशन की प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी हुई।