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structure-activity relationship example

structure-activity relationship example| का तात्पर्य रासायनिक यौगिकों की संरचना (Structure) और उनके जैविक या औषधीय प्रभाव (Activity) के बीच संबंध का अध्ययन है। यह अध्ययन यह समझने में मदद करता है कि किसी यौगिक के संरचनात्मक घटक उसके चिकित्सीय प्रभाव को कैसे प्रभावित करते हैं।


SAR की परिभाषा:

SAR दवा के अणु के विभिन्न भागों (Functional Groups, Atomic Arrangement) और उसके जैविक प्रभाव के बीच संबंध का अध्ययन है।

उदाहरण:

  • यदि किसी अणु में एक विशेष समूह जोड़ने से उसकी सक्रियता (Activity) बढ़ती है, तो यह समूह दवा की प्रभावशीलता के लिए आवश्यक है।
  • यदि किसी समूह को हटाने से सक्रियता कम होती है, तो वह समूह दवा की क्रियात्मकता में योगदान देता है।

SAR का महत्व:

1. दवा के प्रभाव को समझना:

  • SAR अध्ययन से यह पता चलता है कि दवा का कौन सा हिस्सा (Functional Group) जैविक क्रिया के लिए जिम्मेदार है।
  • यह दवा की सटीक क्रियाविधि (Mechanism of Action) को समझने में मदद करता है।

2. दवा के सुधार और अनुकूलन में सहायता:

  • SAR से वैज्ञानिक यह जान सकते हैं कि किसी दवा की संरचना को कैसे बदला जाए ताकि उसका प्रभाव बढ़े और साइड-इफेक्ट कम हों।
  • उदाहरण: अगर कोई अणु कुछ विशेष कोशिकाओं पर कार्य करता है, तो उसकी संरचना को बदलकर उसे और सटीक बनाया जा सकता है।

3. नए यौगिकों की खोज (Drug Discovery):

  • SAR के माध्यम से नए रासायनिक यौगिकों को विकसित करने में मदद मिलती है जो समान या बेहतर प्रभाव पैदा कर सकते हैं।
  • इससे औषधीय यौगिकों की संख्या बढ़ती है और उपचार के अधिक विकल्प उपलब्ध होते हैं।

4. साइड इफेक्ट्स को कम करना:

  • SAR के अध्ययन से उन संरचनाओं की पहचान होती है जो दवा के अनचाहे प्रभावों के लिए जिम्मेदार होती हैं। इन संरचनाओं को बदलकर साइड इफेक्ट्स को कम किया जा सकता है।

5. लक्ष्य विशिष्टता (Target Specificity):

  • SAR का उपयोग दवाओं को इस प्रकार डिजाइन करने में किया जाता है कि वे केवल बीमार कोशिकाओं को प्रभावित करें, स्वस्थ कोशिकाओं को नहीं।
  • जैसे कैंसर-रोधी दवाओं में यह तकनीक उपयोगी है।

6. रासायनिक संशोधन (Chemical Modifications):

  • SAR के जरिए दवा के अवशोषण (Absorption), वितरण (Distribution), और मेटाबोलिज्म (Metabolism) को अनुकूलित किया जा सकता है।

SAR के अनुप्रयोग के उदाहरण:

1. सैलिसिलिक एसिड और एस्पिरिन:

  • सैलिसिलिक एसिड में एसिटाइल ग्रुप जोड़कर एस्पिरिन बनाया गया, जो अधिक प्रभावी और कम गैस्ट्रिक साइड-इफेक्ट्स वाला होता है।

2. सुल्फा ड्रग्स:

  • सुल्फा आधारित एंटीबायोटिक्स में SAR का अध्ययन करके अधिक प्रभावी और सुरक्षित दवाएं विकसित की गईं।

3. एंटीहिस्टामिन्स:

  • SAR ने यह समझने में मदद की कि कैसे हाइड्रॉक्सिल (OH) या मेथॉक्सिल (OCH3) ग्रुप्स जोड़ने से दवा की एंटीहिस्टामिन क्रिया बढ़ती है।

SAR के प्रकार:

1. क्वांटिटेटिव SAR (QSAR):

  • SAR का उन्नत रूप, जो गणितीय और सांख्यिकीय तरीकों से रासायनिक संरचना और जैविक प्रभाव के बीच सटीक संबंध स्थापित करता है।

2. क्वालिटेटिव SAR:

  • रासायनिक संरचना और जैविक गतिविधि के बीच सामान्य रुझानों और पैटर्न का अध्ययन।

निष्कर्ष:

SAR औषधि विकास प्रक्रिया में एक अनिवार्य उपकरण है। यह न केवल दवाओं के जैविक प्रभाव को समझने में मदद करता है, बल्कि दवाओं को अधिक प्रभावी, सुरक्षित और लक्ष्य-विशिष्ट बनाने में भी सहायक है। SAR ने फार्मास्युटिकल उद्योग में दवा निर्माण के वैज्ञानिक दृष्टिकोण को सुदृढ़ किया है, जिससे अधिक सटीक और प्रभावी उपचार विकसित हो सके।

BSC 3RD YEAR CHEMISTRY MINOR/OPEN ELECTIVE CCE-2024-25

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