ph balance meansजैविक प्रणालियाँ अपने pH संतुलन को बनाए रखने के लिए कई तंत्रों का उपयोग करती हैं। ये तंत्र मुख्य रूप से शरीर के विभिन्न अंगों और प्रक्रियाओं के माध्यम से काम करते हैं। यहाँ कुछ प्रमुख तंत्रों का वर्णन किया गया है:
1. किडनी का कार्य
- फिल्ट्रेशन: किडनी रक्त को छानने का कार्य करती है, जिससे एसिड और क्षार का संतुलन बनाए रखा जाता है। यह शरीर में अतिरिक्त एसिड को पेशाब के माध्यम से बाहर निकालती है।
- इलेक्ट्रोलाइट संतुलन: किडनी सोडियम, पोटेशियम, और मैग्नीशियम जैसे इलेक्ट्रोलाइट्स को नियंत्रित करती है, जो pH स्तर को प्रभावित करते हैं।
2. श्वसन प्रणाली
- कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन: श्वसन प्रणाली कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) को बाहर निकालती है, जो रक्त में एसिड के स्तर को कम करने में मदद करती है।
- ऑक्सीजन का सेवन: फेफड़े ऑक्सीजन लेते हैं, जो शरीर की क्षारीयता को बढ़ाने में सहायक होता है।
3. जैव रासायनिक प्रतिक्रियाएँ
- मेटाबॉलिज्म: शरीर में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, और वसा के मेटाबॉलिज्म से एसिड उत्पन्न होते हैं। ये एसिड गुर्दे द्वारा फ़िल्टर किए जाते हैं।
- रक्त का ऑक्सीकरण: रक्त में pH स्तर को बनाए रखने के लिए ऑक्सीजन की उपस्थिति आवश्यक होती है, जो कई जैविक प्रक्रियाओं को प्रभावित करती है
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4. अम्लीय और क्षारीय संतुलन
- जठर रस: आमाशय में जठर रस का pH बहुत अम्लीय होता है (1.35 से 3.5) जो पाचन में मदद करता है और रोगाणुओं को समाप्त करता है।
- त्वचा का pH: त्वचा का pH 4 से 6.5 के बीच होता है, जो रोगाणुओं से सुरक्षा प्रदान करता है
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होमियोस्टैसिस
- जैविक प्रणालियाँ अपने भीतर एक संतुलित स्थिति (होमियोस्टैसिस) बनाए रखने की कोशिश करती हैं। यदि pH 7.35 से कम हो जाता है तो ‘एसिडोसिस’ और 7.45 से अधिक होने पर ‘अल्कलोसिस’ की स्थिति उत्पन्न होती है
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इन तंत्रों के माध्यम से जीवित प्रणालियाँ अपने pH संतुलन को बनाए रखती हैं, जो उनके सामान्य कार्यों और स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
जैविक प्रणालियाँ pH संतुलन बनाए रखने के लिए कौन-कौन से जैविक तंत्रों का उपयोग करती हैं
जैविक प्रणालियाँ अपने pH संतुलन को बनाए रखने के लिए विभिन्न जैविक तंत्रों का उपयोग करती हैं। ये तंत्र शरीर के विभिन्न अंगों और प्रक्रियाओं के माध्यम से कार्य करते हैं। यहाँ कुछ प्रमुख जैविक तंत्रों का उल्लेख किया गया है:
1. किडनी का कार्य
- फिल्ट्रेशन: किडनी रक्त को छानती है, जिससे एसिड और क्षार का संतुलन बनाए रखा जाता है। यह अतिरिक्त एसिड को पेशाब के माध्यम से निकालती है
- इलेक्ट्रोलाइट संतुलन: किडनी सोडियम, पोटेशियम और अन्य इलेक्ट्रोलाइट्स को नियंत्रित करती है, जो pH स्तर को प्रभावित करते हैं
2. श्वसन प्रणाली
- कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन: श्वसन प्रणाली CO₂ को बाहर निकालती है, जिससे रक्त में एसिड के स्तर को कम करने में मदद मिलती है। यह प्रक्रिया pH संतुलन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण है
- ऑक्सीजन का सेवन: फेफड़े ऑक्सीजन लेते हैं, जो शरीर की क्षारीयता को बढ़ाने में सहायक होते हैं
3. जैव रासायनिक प्रतिक्रियाएँ
- मेटाबॉलिज्म: शरीर में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा के मेटाबॉलिज्म से उत्पन्न एसिड गुर्दे द्वारा फ़िल्टर किए जाते हैं और पेशाब के माध्यम से निकाले जाते हैं
- रक्त का ऑक्सीकरण: रक्त में pH स्तर को बनाए रखने के लिए ऑक्सीजन की उपस्थिति आवश्यक होती है, जो कई जैविक प्रक्रियाओं को प्रभावित करती है
4. अम्लीय और क्षारीय संतुलन
- जठर रस: आमाशय में जठर रस का pH 1.35 से 3.5 के बीच होता है, जो पाचन में मदद करता है और रोगाणुओं को समाप्त करता है
- त्वचा का pH: त्वचा का pH 4 से 6.5 के बीच होता है, जो रोगाणुओं से सुरक्षा प्रदान करता है
5. होमियोस्टैसिस
- जैविक प्रणालियाँ अपने भीतर एक संतुलित स्थिति (होमियोस्टैसिस) बनाए रखने की कोशिश करती हैं। यदि pH 7.35 से कम हो जाता है तो ‘एसिडोसिस’ और 7.45 से अधिक होने पर ‘अल्कलोसिस’ की स्थिति उत्पन्न होती है
इन तंत्रों के माध्यम से जीवित प्रणालियाँ अपने pH संतुलन को बनाए रखती हैं, जो उनके सामान्य कार्यों और स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।