IR spectroscopy of ethanol| IR स्पेक्ट्रोस्कोपी के उपयोग से एथेनॉल और अन्य यौगिकों के फंक्शनल ग्रुप की पहचान करना। इस प्रक्रिया में O-H, C-H, और C-O स्ट्रेच जैसे प्रमुख अवशोषण बैंड का विश्लेषण शामिल है। सटीक और विस्तृत स्पेक्ट्रम डेटा के माध्यम से यौगिकों की संरचना की पुष्टि करें।
IR spectroscopy of ethanol (C₂H₅OH)
Aim:-IR स्पेक्ट्रोस्कोपी के माध्यम से एथेनॉल (C₂H₅OH) का विश्लेषण
1. उद्देश्य:
एथेनॉल के IR स्पेक्ट्रम का विश्लेषण करके उसमें उपस्थित फंक्शनल ग्रुप (O-H और C-H) की पहचान करना।
2. सामग्री और उपकरण:
- सैंपल: एथेनॉल (तरल रूप में)
- उपकरण: IR स्पेक्ट्रोमीटर, NaCl प्लेट्स, पिपेट, सफाई के लिए इथेनॉल
3. प्रक्रिया:
चरण 1: सैंपल की तैयारी
- NaCl प्लेट्स को साफ करें और सूखने दें।
- पिपेट का उपयोग करके एथेनॉल की एक बूंद को एक NaCl प्लेट पर डालें।
- दूसरी NaCl प्लेट को धीरे से पहली प्लेट के ऊपर रखें ताकि एक पतली तरल फिल्म बन सके।
चरण 2: IR स्पेक्ट्रम रिकॉर्ड करना
- तैयार सैंपल को IR स्पेक्ट्रोमीटर के सैंपल होल्डर में रखें।
- 4000–400 cm⁻¹ की रेंज में IR स्पेक्ट्रम रिकॉर्ड करें।
- बैकग्राउंड स्कैन के बाद सैंपल का स्पेक्ट्रम सेव करें।
चरण 3: स्पेक्ट्रम का विश्लेषण
- स्पेक्ट्रम में निम्नलिखित अवशोषण शिखर देखे गए:
- O-H स्ट्रेच: 3300 cm⁻¹ पर एक चौड़ा शिखर, जो हाइड्रॉक्सिल ग्रुप (O-H) की उपस्थिति दर्शाता है।
- C-H स्ट्रेच: 2800–3000 cm⁻¹ पर तीखे शिखर, जो C-H बांड (संतृप्त हाइड्रोकार्बन) की उपस्थिति को दर्शाते हैं।
- C-O स्ट्रेच: 1050–1150 cm⁻¹ पर मध्यम तीव्रता का शिखर, जो C-O बांड को दर्शाता है।
4. प्रेक्षण:
आवृत्ति (cm⁻¹) | शिखर का प्रकार | फंक्शनल ग्रुप |
3300 | चौड़ा शिखर | O-H स्ट्रेच (हाइड्रॉक्सिल) |
2800–3000 | तीखा शिखर | C-H स्ट्रेच (एल्केन) |
1050–1150 | मध्यम तीव्रता का शिखर | C-O स्ट्रेच (एथर/अल्कोहल) |
5. निष्कर्ष:
- रिकॉर्ड किए गए IR स्पेक्ट्रम के आधार पर, एथेनॉल में निम्नलिखित फंक्शनल ग्रुप मौजूद हैं:
- O-H ग्रुप (हाइड्रॉक्सिल ग्रुप), जो इसे अल्कोहल बनाता है।
- C-H ग्रुप, जो एल्केन श्रृंखला की उपस्थिति को दर्शाता है।
- C-O ग्रुप, जो अल्कोहल संरचना का हिस्सा है।
- यह स्पेक्ट्रम एथेनॉल के लिए विशिष्ट संरचना (C₂H₅OH) की पुष्टि करता है।
6. सावधानियां:
- NaCl प्लेट्स को सावधानीपूर्वक संभालें और केवल सूखे प्लेट्स का उपयोग करें।
- सैंपल की पतली परत सुनिश्चित करें ताकि स्पष्ट स्पेक्ट्रम प्राप्त हो सके।
- IR स्पेक्ट्रोमीटर का बैकग्राउंड स्कैन करने के बाद ही सैंपल का स्पेक्ट्रम रिकॉर्ड करें।