उद्देश्य:
कैलोरीमीटर की ऊष्माधारिता ज्ञात करना जबकि HCl और NaOH की उदासीनीकरण की ऊष्मा 57.3 KJ है।
आवश्यक उपकरण:
- 100 मापाक फ्लास्क
- तापमापी
- कैलोरीमीटर
- बीकर
- विलोडक
- ब्युरेट
आवश्यक अभिकर्मक:
- 0.2 M सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH)
- 0.2 M हाइड्रोक्लोरिक एसिड (HCl)
सिद्धांत (Principle):
जब एक एसिड के एक ग्राम तुल्यांक क्षार के एक ग्राम तुल्यांक से क्रिया करता है तो एन्थैल्पी परिवर्तन एसिड और क्षार की उदासीनीकरण की एन्थैल्पी कहलाती है। स्ट्रोंग एसिड और स्ट्रोंग क्षार के लिए इसका मान हमेशा 57.3 KJ होता है।
भौतिक या रासायनिक प्रक्रिया में निम्न संबंध प्रयोग में लाया जाता है:
- उत्सर्जित ऊष्मा की मात्रा = शोषित ऊष्मा की मात्रा
- किसी सिस्टम में दी गई ऊष्मा = ली गई ऊष्मा
कैलोरीमीटर में एसिड और क्षार की क्रिया कराने पर उत्सर्जित ऊष्मा, कैलोरीमीटर और विलयन के कुल आयतन द्वारा शोषित होगी।
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विधि (Procedure):
- सबसे पहले कैलोरीमीटर को साफ करके सुखा लें।
- इसमें 0.2 M HCl 100 ml लें।
- इस विलयन का ताप नोट करें।
- 0.2 M NaOH एक बीकर में लेकर उसमें तापमापी लगा दें और विलयन का ताप HCl विलयन के ताप के बराबर होने पर इसे भी कैलोरीमीटर में डाल दें।
- कैलोरीमीटर का कार्क लगाकर तापमापी से ताप देखें और विलोडक को चलाते रहें।
- अधिकतम ताप को नोट करें।
प्रेक्षण (Observation):
- एसिड और बेस का प्रारंभिक ताप = 31°C
- उदासीनीकरण के पश्चात ताप = 32.1°C
- विलयन की मात्रा = 100 + 100 = 200 ग्राम (विलयन की घनत्व 1 g/ml मानकर)
- एसिड और बेस की उदासीनीकरण ऊष्मा = 57.3 KJ
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गणना (Calculation):
उदासीनीकरण में उत्पन्न ऊष्मा –
- 1M x 1000 ml विलियनों के क्रिया करने पर = 57.3 KJ
- 0.2 M x 100 ml विलियनों के क्रिया करने पर = 57.3 x 0.2 x 100/1 x 1000
यह ऊष्मा विलयन और कैलोरीमीटर द्वारा शोषित की गई है।
- माना कैलोरीमीटर की ऊष्माधारिता c KJ/°C है।
- ΔT = t2 – t1 = 32.1 – 31 = 1.1°C
शोषित ऊर्जा = c x ΔT + 200 x ΔT x 4.184 उत्सर्जित ऊष्मा की मात्रा = शोषित ऊर्जा की मात्रा
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57.3x0.2x100/1x1000=cx1.1+200x1.1x4.184/1000
cx1.1=1.146x103–920.48
c=225.52/1.1=204.73/1000KJ=0.2047KJ
परिणाम (Result):
कैलोरीमीटर की ऊष्माधारिता 0.2047 KJ है।
ऊर्जा दक्षता को अनुकूलित करने के 5 शक्तिशाली तरीके
1. ऊर्जा संरक्षण (Energy Conservation)
ऊर्जा संरक्षण ऊर्जा दक्षता का महत्वपूर्ण हिस्सा है। कैलोरीमीटर के डिज़ाइन में उचित सामग्री का चयन और तापीय इन्सुलेशन का उपयोग ऊर्जा के नुकसान को कम कर सकता है। उन्नत सामग्री और इन्सुलेटिव कोटिंग्स का उपयोग तापीय प्रवाह को कम करता है, जिससे ऊर्जा संरक्षण बेहतर होता है।
2. कैलोरीमीटर की अनुकूलता (Calorimeter Optimization)
कैलोरीमीटर की संरचना और उसके उपयोग को अनुकूलित करना भी ऊर्जा दक्षता में महत्वपूर्ण योगदान कर सकता है। सही आकार और डिज़ाइन का चयन, ऊष्मा का बेहतर वितरण सुनिश्चित करता है और उर्जा के नुकसान को कम करता है। एक उपयुक्त डिज़ाइन कैलोरीमीटर के प्रदर्शन को बढ़ाता है और ऊष्मा मापन को अधिक सटीक बनाता है।
3. तापमापी का सुधार (Thermometer Improvement)
सटीक तापमान माप उपकरणों का उपयोग भी ऊर्जा दक्षता को बढ़ाता है। अधिक सटीक तापमापी का उपयोग ऊष्मा मापन में त्रुटियों को कम करता है, जिससे ऊर्जा की हानि कम होती है। डिजिटल और उच्च संवेदनशीलता वाले तापमापी का उपयोग कैलोरीमीटर की दक्षता को बढ़ा सकता है।
4. प्रक्रिया नियंत्रण (Process Control)
ऊष्मीय प्रक्रियाओं का सही नियंत्रण भी ऊर्जा दक्षता के लिए आवश्यक है। स्वचालित नियंत्रण प्रणाली और सटीक मापन उपकरणों का उपयोग ऊष्मा प्रवाह को नियंत्रित करने और अनावश्यक ऊर्जा खपत को कम करने में मदद करता है। प्रक्रिया की निगरानी और नियंत्रित करना ऊर्जा दक्षता को अनुकूलित करने का एक महत्वपूर्ण तरीका है।
5. पर्यावरण के अनुकूल उपाय (Eco-friendly Measures)
ऊर्जा दक्षता को बढ़ाने के लिए पर्यावरण के अनुकूल उपाय अपनाना आवश्यक है। पुन: प्रयोज्य सामग्री, ऊर्जा पुनःप्राप्ति प्रणाली और हरित प्रौद्योगिकियों का उपयोग ऊर्जा खपत को कम करता है और पर्यावरणीय प्रभाव को भी घटाता है। यह न केवल ऊर्जा दक्षता को बढ़ाता है, बल्कि सतत विकास को भी प्रोत्साहित करता है।
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इन सभी उपायों को अपनाकर हम कैलोरीमीटर की ऊष्माधारिता को प्रभावी ढंग से माप सकते हैं और ऊर्जा दक्षता को अनुकूलित कर सकते हैं। ऊष्मा मापन में सटीकता और दक्षता बढ़ाने के लिए इन शक्तिशाली रणनीतियों का उपयोग आवश्यक है, जिससे हम ऊर्जा संसाधनों का बेहतर उपयोग कर सकें और पर्यावरण संरक्षण में योगदान दे सकें।
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इस प्रकार, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत बीएससी सेकंड इयर केमिस्ट्री के मेजर II/माइनर/ओपन एलेक्टिव सिलेबस के अनुसार यह प्रयोग महत्वपूर्ण है और विद्यार्थियों को ऊर्जा दक्षता की महत्ता को समझने में सहायता करेगा।
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