SPECTROSCOPY KA MOOL SIDDHANT EVM PRAKAR
SPECTROSCOPY KA MOOL SIDDHANT EVM PRAKAR
स्पेक्ट्रोस्कोपी का मूल सिद्धांत और इसके विभिन्न प्रकार
परिचय
स्पेक्ट्रोस्कोपी (Spectroscopy) एक महत्वपूर्ण विश्लेषणात्मक तकनीक है, जिसका उपयोग पदार्थों के संरचनात्मक और रासायनिक गुणों के अध्ययन के लिए किया जाता है। यह तकनीक पदार्थों और विद्युत चुम्बकीय विकिरण (Electromagnetic Radiation) के आपसी क्रियाओं (Interactions) पर आधारित होती है। वैज्ञानिक अनुसंधान, औषधि उद्योग, जैव प्रौद्योगिकी, पर्यावरणीय अध्ययन और फोरेंसिक विज्ञान में स्पेक्ट्रोस्कोपी का व्यापक उपयोग होता है।
स्पेक्ट्रोस्कोपी का मूल सिद्धांत
स्पेक्ट्रोस्कोपी का मूल सिद्धांत विद्युत चुम्बकीय विकिरण और पदार्थ के बीच आपसी क्रिया पर आधारित है। जब कोई पदार्थ विद्युत चुम्बकीय विकिरण (Electromagnetic Radiation) के संपर्क में आता है, तो वह विकिरण को अवशोषित (Absorb), उत्सर्जित (Emit), अथवा परावर्तित (Reflect) कर सकता है। यह आपसी क्रिया पदार्थ की संरचना और उसकी रासायनिक विशेषताओं पर निर्भर करती है।
स्पेक्ट्रोस्कोपी मुख्य रूप से निम्नलिखित घटनाओं पर आधारित होती है:
- अवशोषण (Absorption): जब कोई पदार्थ विशेष तरंग दैर्ध्य (Wavelength) के विकिरण को अवशोषित करता है, तो उसकी ऊर्जा अवस्था (Energy State) बदल जाती है।
- उत्सर्जन (Emission): जब कोई पदार्थ ऊर्जा अवशोषित करने के बाद उसे पुनः उत्सर्जित करता है, तो एक विशिष्ट स्पेक्ट्रम बनता है।
- परावर्तन (Reflection) और अपवर्तन (Refraction): कुछ परिस्थितियों में, विकिरण परावर्तित या अपवर्तित होकर विश्लेषण योग्य स्पेक्ट्रम उत्पन्न करता है।
- प्रकीर्णन (Scattering): जब प्रकाश किसी सतह से टकराकर विभिन्न दिशाओं में फैलता है, तो यह प्रकीर्णन कहलाता है, जिसका उपयोग विशेष रूप से रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी (Raman Spectroscopy) में किया जाता है।
स्पेक्ट्रोस्कोपी के प्रमुख प्रकार
स्पेक्ट्रोस्कोपी को विभिन्न आधारों पर वर्गीकृत किया जा सकता है। प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं:
1. परमाण्विक स्पेक्ट्रोस्कोपी (Atomic Spectroscopy)
इसमें परमाणुओं द्वारा उत्सर्जित या अवशोषित विकिरण का अध्ययन किया जाता है।
- परमाण्विक अवशोषण स्पेक्ट्रोस्कोपी (Atomic Absorption Spectroscopy – AAS): इसमें परमाणुओं द्वारा अवशोषित प्रकाश का विश्लेषण किया जाता है।
- परमाण्विक उत्सर्जन स्पेक्ट्रोस्कोपी (Atomic Emission Spectroscopy – AES): इसमें परमाणुओं द्वारा उत्सर्जित प्रकाश का विश्लेषण किया जाता है।
- इंडक्टिवली कपल्ड प्लाज्मा स्पेक्ट्रोस्कोपी (Inductively Coupled Plasma – ICP): अत्यधिक संवेदनशील तकनीक जो ट्रेस तत्वों का विश्लेषण करने में सहायक होती है।
2. आणविक स्पेक्ट्रोस्कोपी (Molecular Spectroscopy)
इसमें आणविक स्तर पर स्पेक्ट्रल विश्लेषण किया जाता है। प्रमुख प्रकार हैं:
- UV-Visible स्पेक्ट्रोस्कोपी (UV-Visible Spectroscopy): यह अणुओं में इलेक्ट्रॉनिक संक्रमण (Electronic Transitions) को मापने के लिए उपयोग की जाती है।
- इन्फ्रारेड स्पेक्ट्रोस्कोपी (Infrared Spectroscopy – IR): यह अणुओं के कंपन (Vibrational) और घूर्णन (Rotational) संक्रमणों का अध्ययन करती है।
- रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी (Raman Spectroscopy): इसमें प्रकाश के प्रकीर्णन (Scattering) पर आधारित विश्लेषण किया जाता है।
- न्यूक्लियर मैग्नेटिक रेजोनेंस (Nuclear Magnetic Resonance – NMR) स्पेक्ट्रोस्कोपी: यह चुंबकीय क्षेत्रों में नाभिकीय स्पिन परिवर्तनों को मापने के लिए प्रयोग की जाती है।
3. द्रव्यमान स्पेक्ट्रोस्कोपी (Mass Spectroscopy – MS)
इसमें आयनित अणुओं के द्रव्यमान और उनकी संरचना का अध्ययन किया जाता है। इसका उपयोग जैविक यौगिकों के विश्लेषण, औषधि निर्माण और पर्यावरणीय अध्ययन में किया जाता है।
4. एक्स-रे स्पेक्ट्रोस्कोपी (X-Ray Spectroscopy)
इसमें उच्च-ऊर्जा एक्स-रे विकिरण द्वारा पदार्थों की संरचना का अध्ययन किया जाता है। प्रमुख प्रकार हैं:
- एक्स-रे अवशोषण स्पेक्ट्रोस्कोपी (X-ray Absorption Spectroscopy – XAS)
- एक्स-रे फ्लोरेसेंस स्पेक्ट्रोस्कोपी (X-ray Fluorescence – XRF)
5. फोटोइलेक्ट्रॉन स्पेक्ट्रोस्कोपी (Photoelectron Spectroscopy – PES)
इसमें पदार्थ से निकलने वाले इलेक्ट्रॉनों की ऊर्जा का अध्ययन करके उसके इलेक्ट्रॉनिक विन्यास और आणविक संरचना का विश्लेषण किया जाता है।
स्पेक्ट्रोस्कोपी के अनुप्रयोग (Applications of Spectroscopy)
स्पेक्ट्रोस्कोपी का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है:
- रसायन विज्ञान: रासायनिक यौगिकों की संरचना की पहचान और विश्लेषण में।
- औषधि विज्ञान: दवाओं के गुणवत्ता नियंत्रण और जैविक यौगिकों के अध्ययन में।
- पर्यावरण विज्ञान: प्रदूषकों और हानिकारक तत्वों के विश्लेषण में।
- भौतिकी: पदार्थों की संरचना और विशेषताओं के अध्ययन में।
- फोरेंसिक विज्ञान: अपराध स्थलों पर साक्ष्यों की जांच में।
- खगोल विज्ञान: तारों और ग्रहों की संरचना तथा उनके स्पेक्ट्रा का विश्लेषण करने में।
निष्कर्ष
स्पेक्ट्रोस्कोपी विज्ञान और अनुसंधान के विभिन्न क्षेत्रों में एक अत्यंत महत्वपूर्ण तकनीक है। इसके विभिन्न प्रकार विशिष्ट उद्देश्यों के लिए प्रयोग किए जाते हैं, और यह तकनीक समय के साथ और अधिक उन्नत होती जा रही है। चाहे जैविक यौगिकों की संरचना का अध्ययन हो या अंतरिक्ष में मौजूद तत्वों का विश्लेषण, स्पेक्ट्रोस्कोपी एक अनिवार्य साधन के रूप में कार्य करती है।
संदर्भ (References)
- Skoog, Holler, & Crouch: Principles of Instrumental Analysis
- Chatwal & Anand: Instrumental Methods of Chemical Analysis
- Vogel’s Textbook of Quantitative Chemical Analysis