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aromatic electrophilic substitution reaction 2024

aromatic electrophilic substitution reaction 2024.Aromatic इलेक्ट्रोफिलिक प्रतिस्थापन प्रतिक्रिया (Aromatic Electrophilic Substitution Reaction) Aromatic यौगिकों में एक इलेक्ट्रोफाइल द्वारा हाइड्रोजन के प्रतिस्थापन की प्रक्रिया है। यह तंत्र ऐरेनियम आयन निर्माण, उपस्थापन समूहों का अभिविन्यास प्रभाव, डायज़ोनियम युग्मन, और विल्समेयर प्रतिक्रिया जैसे महत्वपूर्ण चरणों के माध्यम से कार्य करता है। इन प्रतिक्रियाओं का उपयोग Aromatic यौगिकों के संश्लेषण और गुणों में विविधता लाने के लिए किया जाता है।

Table of Contents

aromatic electrophilic substitution reaction 2024

Aromatic इलेक्ट्रोफिलिक प्रतिस्थापन (Aromatic Electrophilic Substitution) क्या होता है?

Aromatic इलेक्ट्रोफिलिक प्रतिस्थापन (Aromatic Electrophilic Substitution) वह रासायनिक प्रक्रिया है जिसमें एक Aromatic यौगिक (अक्सर बेंजीन) पर एक इलेक्ट्रोफिलिक अभिकर्मक (electrophilic reagent) द्वारा एक हाइड्रोजन परमाणु प्रतिस्थापित होता है। इस प्रकार की प्रतिक्रिया Aromatic यौगिकों के संश्लेषण और उनमें विविधता लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

ऐरेनियम आयन तंत्र (Arenium Ion Mechanism) कैसे काम करता है?

Aromatic इलेक्ट्रोफिलिक प्रतिस्थापन के ऐरेनियम आयन तंत्र को दो मुख्य चरणों में विभाजित किया जा सकता है:

  1. इलेक्ट्रोफिलिक आक्रमण और ऐरेनियम आयन का निर्माण
  2. डीप्रोटोनशन और प्रतिस्थापन उत्पाद का निर्माण

चरण 1: इलेक्ट्रोफिलिक आक्रमण और ऐरेनियम आयन का निर्माण

इस चरण में, Aromatic रिंग (जैसे बेंजीन) पर एक इलेक्ट्रोफिल आक्रमण करता है, जिससे एक ऐरेनियम आयन (arenium ion) बनता है। ऐरेनियम आयन एक अस्थायी इंटरमीडिएट होता है जिसमें सुगंधित रिंग की संरचना क्षणिक रूप से टूट जाती है और एक सकारात्मक चार्ज बनता है।

उदाहरण: बेंजीन पर ब्रोमीन का इलेक्ट्रोफिलिक आक्रमण:

C6H6+Br2C6H5Br+Br\text{C}_6\text{H}_6 + \text{Br}_2 \rightarrow \text{C}_6\text{H}_5\text{Br}^+ – \text{Br}^-

 

चरण 2: डीप्रोटोनशन और प्रतिस्थापन उत्पाद का निर्माण

इस चरण में, ऐरेनियम आयन से एक प्रोटोन (H⁺) हटाया जाता है, जिससे सुगंधित प्रणाली पुनः स्थिर हो जाती है और प्रतिस्थापन उत्पाद बनता है।

उदाहरण: बेंजीन से ऐरेनियम आयन का डीप्रोटोनशन:

C6H5Br+H+C6H5Br+H+\text{C}_6\text{H}_5\text{Br}^+ – \text{H}^+ \rightarrow \text{C}_6\text{H}_5\text{Br} + \text{H}^+

 

सारणीबद्ध विवरण

चरण विवरण रासायनिक अभिक्रिया उदाहरण
चरण 1 इलेक्ट्रोफिलिक आक्रमण और ऐरेनियम आयन का निर्माण  

C6H6+E+C6H5E+\text{C}_6\text{H}_6 + \text{E}^+ \rightarrow \text{C}_6\text{H}_5\text{E}^+ 

 

C6H6+Br2C6H5Br+Br\text{C}_6\text{H}_6 + \text{Br}_2 \rightarrow \text{C}_6\text{H}_5\text{Br}^+ – \text{Br}^- 

चरण 2 डीप्रोटोनशन और प्रतिस्थापन उत्पाद का निर्माण  

C6H5E+H+C6H5E\text{C}_6\text{H}_5\text{E}^+ – \text{H}^+ \rightarrow \text{C}_6\text{H}_5\text{E} 

 

C6H5Br+H+C6H5Br+H+\text{C}_6\text{H}_5\text{Br}^+ – \text{H}^+ \rightarrow \text{C}_6\text{H}_5\text{Br} + \text{H}^+ 

विस्तृत उदाहरण: ब्रोमिनेशन ऑफ बेंजीन

aromatic electrophilic substitution reaction

चरण 1: इलेक्ट्रोफिलिक आक्रमण

बेंजीन पर ब्रोमीन (Br₂) और आयरन ब्रोमाइड (FeBr₃) की उपस्थिति में ब्रोमीन का आक्रमण होता है:

Br2+FeBr3Br++FeBr4\text{Br}_2 + \text{FeBr}_3 \rightarrow \text{Br}^+ + \text{FeBr}_4^-

C6H6+Br+C6H5Br+\text{C}_6\text{H}_6 + \text{Br}^+ \rightarrow \text{C}_6\text{H}_5\text{Br}^+

aromatic electrophilic substitution reaction

चरण 2: डीप्रोटोनशन

ऐरेनियम आयन से एक प्रोटोन (H⁺) हटाकर स्थिर ब्रोमोबेंजीन का निर्माण होता है:

C6H5Br+C6H5Br+H+\text{C}_6\text{H}_5\text{Br}^+ \rightarrow \text{C}_6\text{H}_5\text{Br} + \text{H}^+

Aromatic इलेक्ट्रोफिलिक प्रतिस्थापन में उपस्थापन समूहों का अभिविन्यास/दिशात्मक प्रभाव (Orientation/Directive Influence) और इलेक्ट्रॉनिक व्याख्या

aromatic electrophilic substitution reaction

अभिविन्यास/दिशात्मक प्रभाव (Orientation/Directive Influence) क्या है?

Aromatic इलेक्ट्रोफिलिक प्रतिस्थापन में, जब कोई समूह (उपस्थापन समूह) पहले से ही Aromatic रिंग पर उपस्थित होता है, तो वह समूह यह प्रभावित कर सकता है कि अगला इलेक्ट्रोफिलिक प्रतिस्थापन किस स्थिति पर होगा। इस प्रभाव को अभिविन्यास या दिशात्मक प्रभाव कहते हैं। यह प्रभाव दो प्रकार का हो सकता है:

  1. ऑर्थो/पारा निर्देशित (Ortho/Para Directing): उपस्थापन समूह रिंग के ऑर्थो (2 और 6) और पारा (4) स्थिति पर नए समूह को निर्देशित करता है।
  2. मेटा निर्देशित (Meta Directing): उपस्थापन समूह रिंग के मेटा (3 और 5) स्थिति पर नए समूह को निर्देशित करता है।

इलेक्ट्रॉनिक व्याख्या (Electronic Explanation)

उपस्थापन समूह का अभिविन्यास प्रभाव उसके इलेक्ट्रॉनिक गुणों पर निर्भर करता है:

  1. इलेक्ट्रॉन-दात्री समूह (Electron-Donating Groups, EDG): ये समूह रिंग को इलेक्ट्रॉन प्रदान करते हैं और ऑर्थो/पारा निर्देशित होते हैं। उदाहरण:
    OH,NH2,OCH3-OH, -NH_2, -OCH_3
     

  2. इलेक्ट्रॉन-खींचने वाले समूह (Electron-Withdrawing Groups, EWG): ये समूह रिंग से इलेक्ट्रॉन खींचते हैं और मेटा निर्देशित होते हैं। उदाहरण:
    NO2,CN,COOH-NO_2, -CN, -COOH
     

सारणीबद्ध विवरण

उपस्थापन समूह प्रकार अभिविन्यास प्रभाव उदाहरण
 

OH-OH

इलेक्ट्रॉन-दात्री ऑर्थो/पारा निर्देशित फेनोल (Phenol)
 

NO2-NO_2

इलेक्ट्रॉन-खींचने वाले मेटा निर्देशित नाइट्रोबेंजीन (Nitrobenzene)

उदाहरण: फेनोल (Phenol) में नाइट्रेशन

aromatic electrophilic substitution reaction

फेनोल (

C6H5OHC_6H_5OH

) का नाइट्रिक एसिड (

HNO3HNO_3

) के साथ प्रतिक्रिया:

C6H5OH+HNO3C6H4(OH)(NO2)\text{C}_6\text{H}_5\text{OH} + \text{HNO}_3 \rightarrow \text{C}_6\text{H}_4\text{(OH)(NO}_2\text{)}

 


  • OH-OH
     

    समूह ऑर्थो और पारा निर्देशित करता है।

  • मुख्य उत्पाद 2-नाइट्रोफेनोल और 4-नाइट्रोफेनोल होते हैं।

Aromatic  इलेक्ट्रोफिलिक प्रतिस्थापन प्रतिक्रियाओं में प्रतिक्रियाशीलता (Reactivity)

प्रतिक्रियाशीलता को प्रभावित करने वाले कारक

Aromatic इलेक्ट्रोफिलिक प्रतिस्थापन में निम्नलिखित कारक प्रतिक्रियाशीलता को प्रभावित करते हैं:

  1. उपस्थापन समूह का प्रकार:
    • इलेक्ट्रॉन-दात्री समूह रिंग को अधिक प्रतिक्रियाशील बनाते हैं।
    • इलेक्ट्रॉन-खींचने वाले समूह रिंग को कम प्रतिक्रियाशील बनाते हैं।
  2. रिंग का इलेक्ट्रॉन घनत्व:
    • उच्च इलेक्ट्रॉन घनत्व वाली रिंग अधिक प्रतिक्रियाशील होती है।
  3. सॉल्वेंट का प्रकार:
    • ध्रुवीय प्रोटिक सॉल्वेंट्स इलेक्ट्रोफिल को स्थिर कर सकते हैं।

aromatic electrophilic substitution reaction

उदाहरण: नाइट्रोबेंजीन का नाइट्रेशन

नाइट्रोबेंजीन (

C6H5NO2C_6H_5NO_2

) का नाइट्रिक एसिड (

HNO3HNO_3

) और सल्फ्यूरिक एसिड (

H2SO4H_2SO_4

) के साथ प्रतिक्रिया:

C6H5NO2+HNO3C6H4(NO2)2\text{C}_6\text{H}_5\text{NO}_2 + \text{HNO}_3 \rightarrow \text{C}_6\text{H}_4(\text{NO}_2)_2


  • NO2-NO_2
     

    समूह मेटा निर्देशित करता है।

  • मुख्य उत्पाद 3,5-डाइनाइट्रोबेंजीन होता है।

डायज़ोनियम युग्मन (Diazonium Coupling)

डायज़ोनियम युग्मन क्या है?

डायज़ोनियम युग्मन एक प्रकार की Aromatic इलेक्ट्रोफिलिक प्रतिस्थापन प्रतिक्रिया है जिसमें एक डायज़ोनियम लवण (

ArN2+ArN_2^+

) का उपयोग होता है। यह प्रतिक्रिया रंगीन आज़ो यौगिकों के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण है, जो डाई और पिगमेंट के रूप में उपयोग किए जाते हैं।

प्रक्रिया

  1. डायज़ोनियम लवण का निर्माण:
    • ऐनिलीन (
      6H5NH2C_6H_5NH_2
       

      HN
      ) और हाइड्रोक्लोरिक एसिड 
      HClHCl 

      ) के साथ प्रतिक्रिया कराकर डायज़ोनियम लवण (

      C6H5N2+ClC_6H_5N_2^+Cl^- 

      ) बनता है।

      C6H5NH2+HNO2+HClC6H5N2+Cl+2H2O\text{C}_6\text{H}_5\text{NH}_2 + \text{HNO}_2 + \text{HCl} \rightarrow \text{C}_6\text{H}_5\text{N}_2^+\text{Cl}^- + 2\text{H}_2\text{O} 

  2. युग्मन प्रतिक्रिया:
    • डायज़ोनियम लवण और एक सक्रिय सुगंधित यौगिक (जैसे फेनोल) के बीच युग्मन प्रतिक्रिया होती है।
      C6H5N2+Cl+C6H5OHC6H5N2C6H4OH+HCl\text{C}_6\text{H}_5\text{N}_2^+\text{Cl}^- + \text{C}_6\text{H}_5\text{OH} \rightarrow \text{C}_6\text{H}_5\text{N}_2\text{C}_6\text{H}_4\text{OH} + \text{HCl}
       

       

सारणीबद्ध विवरण

चरण विवरण रासायनिक अभिक्रिया उदाहरण
चरण 1 डायज़ोनियम लवण का निर्माण  

C6H5NH2+HNO2+HClC6H5N2+Cl+2H2O\text{C}_6\text{H}_5\text{NH}_2 + \text{HNO}_2 + \text{HCl} \rightarrow \text{C}_6\text{H}_5\text{N}_2^+\text{Cl}^- + 2\text{H}_2\text{O} 

ऐनिलीन का डायज़ोटेशन
चरण 2 युग्मन प्रतिक्रिया  

C6H5N2+Cl+C6H5OHC6H5N2C6H4OH+HCl\text{C}_6\text{H}_5\text{N}_2^+\text{Cl}^- + \text{C}_6\text{H}_5\text{OH} \rightarrow \text{C}_6\text{H}_5\text{N}_2\text{C}_6\text{H}_4\text{OH} + \text{HCl} 

फेनोल के साथ युग्मन

विल्समेयर प्रतिक्रिया (Vilsmeir Reaction)

aromatic electrophilic substitution reaction

विल्समेयर प्रतिक्रिया क्या है?

विल्समेयर प्रतिक्रिया एक Aromatic इलेक्ट्रोफिलिक प्रतिस्थापन प्रतिक्रिया है जिसका उपयोग Aromatic यौगिकों में एक फॉर्मिल समूह (-CHO) को जोड़ने के लिए किया जाता है। यह प्रतिक्रिया फॉर्मिलेशन (Formylation) कहलाती है।

प्रक्रिया

  1. विल्समेयर अभिकर्मक का निर्माण:
    • डाइमिथाइलफॉर्मामाइड (DMF) और फॉस्फॉरिल क्लोराइड (POCl₃) के साथ विल्समेयर अभिकर्मक बनता है।
      DMF+POCl3Vilsmeier Reagent\text{DMF} + \text{POCl}_3 \rightarrow \text{Vilsmeier Reagent}
       

       

  2. फॉर्मिलेशन:
    • विल्समेयर अभिकर्मक और एक सुगंधित यौगिक (जैसे बेंजीन) के बीच प्रतिक्रिया होती है।
      C6H6+Vilsmeier ReagentC6H5CHO+HCl\text{C}_6\text{H}_6 + \text{Vilsmeier Reagent} \rightarrow \text{C}_6\text{H}_5\text{CHO} + \text{HCl}
       

      aromatic electrophilic substitution reaction

       

सारणीबद्ध विवरण

चरण विवरण रासायनिक अभिक्रिया उदाहरण
चरण 1 विल्समेयर अभिकर्मक का निर्माण  

DMF+POCl3Vilsmeier Reagent\text{DMF} + \text{POCl}_3 \rightarrow \text{Vilsmeier Reagent} 

DMF और POCl₃ की प्रतिक्रिया
चरण 2 फॉर्मिलेशन  

C6H6+Vilsmeier ReagentC6H5CHO+HCl\text{C}_6\text{H}_6 + \text{Vilsmeier Reagent} \rightarrow \text{C}_6\text{H}_5\text{CHO} + \text{HCl} 

बेंजीन का फॉर्मिलेशन

निष्कर्ष

Aromatic इलेक्ट्रोफिलिक प्रतिस्थापन प्रतिक्रियाएँ कार्बनिक रसायन विज्ञान में बहुत महत्वपूर्ण हैं। ऐरेनियम आयन तंत्र, अभिविन्यास प्रभाव, डायज़ोनियम युग्मन और विल्समेयर प्रतिक्रिया के माध्यम से, हम Aromatic यौगिकों की संरचना में विविधता ला सकते हैं और उनकी प्रतिक्रियाशीलता को नियंत्रित कर सकते हैं। इन प्रतिक्रियाओं का विस्तृत अध्ययन हमें विभिन्न औद्योगिक और जैविक यौगिकों के संश्लेषण में सुधार करने की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करता है।

aromatic electrophilic substitution reaction

sn1&sn2 reaction तंत्रों (Mechanisms) के बीच अंतर और उनके कार्य

 

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